Saturday, May 4th, 2024

अब पाकिस्तान हो या चीन, भारतीय वायुसेना अपनी सीमा में रहते हुए उनके महत्वपूर्ण टारगेट्स को हिट कर सकती है

नई दिल्ली

भारतीय वायुसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के आसमान में हवा से सतह पर मार करने वाली नई बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. मिसाइल ने तेज गति से टारगेट को सटीकता से हिट किया. इस मिसाइल का नाम है क्रिस्टल मेज 2 (Crystal Maze 2). इजरायल की इस मिसाइल को प्यार से Rocks भी बुलाते हैं. इसके अलावा इसे पॉपआई (Popeye) भी बुलाते हैं.

मिसाइल टेस्टिंग के लिए वायुसेना ने अपने सबसे घातक फाइटर जेट सुखोई सू-30एमकेआई का इस्तेमाल किया था. परीक्षण के लिए अंडमान और निकोबार का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि यहां पर तीनों सेनाओं का बेस है. इजरायल की यह मिसाइल भारत में ही बन रही है. इसे मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बनाया जा रहा है.


क्रिस्टल मेज 2 मिसाइल अपने पुराने वर्जन यानी क्रिस्टल मेज 1 से एकदम अलग है. इसकी रेंज 250 किलोमीटर है. यह स्टैंड ऑफ रेंज एयर-टू-सरफेस बैलिस्टिक मिसाइल हैं. यह उन टारगेट्स को भी निशाना बना सकती है जो लगातार मूव कर रहे हों. इसके अलावा दुश्मन की लंबी दूरी के राडार और एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट कर सकती है.


जानिए इस मिसाइल की खासियत...

क्रिस्टल मेज 2 की रेंज 250 किलोमीटर है. यानी हवा से सतह पर मार करने वाली यह लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है. इस मिसाइल का वजन करीब 1360 किलोग्राम है. 15 फीट लंबी मिसाइल का व्यास 21 इंच है. इसके विंग स्पैन की लंबाई 6.6 फीट है. यह सिंगल स्टेर सॉलिड रॉकेट इंजन के जरिए उड़ान भरती है.

इस मिसािल में 340 किलोग्राम वजन का वॉरहेड यानी हथियार लगा सकते हैं. इस वजन के ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन यानी टारगेट से टकराने के बाद उसके चीथड़े उड़ाने वाले हथियार लगा सकते हैं. इसके अलावा इसमें 360 किलोग्राम का पेनेट्रेटिंग यानी मोटी दीवारों वाले बंकरों को उड़ाने वाले वॉरहेड लगा सकते हैं.  

सुखोई फाइटर जेट के साथ कॉम्बीनेशन खतरनाक

सुखोई सू-30एमकेआई फाइटर जेट की लंबाई 72 फीट है. विंगस्पैन 48.3 फीट है. ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. इसकी अधिकतम स्पीड 2120 किमी प्रतिघंटा है. इसकी रेंज भी 3000 kmहै. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 km तक जा सकता है. यह 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है.


सुखोई-30एमकेआई में 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है. यानी दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर बच नहीं सकते. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. यानी वो जगह जहां पर हथियार लगाया जाता है. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इन सबका मिश्रण लगाया जा सकता है.

सुखोई-30एमकेआई के हार्डप्वाइंट्स में हथियारों को दागने की सुविधा ज्यादा है. अगर मल्टीपल रैक्स लगाए जाएं तो इसमें 14 हथियार लगा सकते हैं. यह कुल 8130 KG वजन का हथियार उठा सकता है. इस फाइटर जेट में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं.

 

Source : Agency

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